Sunday 1 January 2012

94_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

यदि तुम सच्चे हृदय से आतुरतापूर्वक ईश्वर की प्रार्थना करोगे तो ईश्वर गुरु के स्वरूप में तुम्हारे पास आयेंगे।
सच्चे गुरु से अधिक प्रेमपूर्ण, अधिक हितैषी, अधिक कृपालु और अधिक प्रिय व्यक्ति इस विश्व में कोई नहीं हो सकता।
सत्संग का अर्थ है गुरु का सहवास। इस सत्संग के बिना मन ईश्वर की ओर नहीं मुड़ता।
गुरुदेव के साथ किया हुआ एक पल का सत्संग भी लाखों वर्ष किये हुए तप से कई गुना श्रेष्ठ है।
हे साधक ! मनमुखी साधना कभी नहीं करो। पूर्ण श्रद्धा एवं भक्तिभाव से युक्त गुरुमुखी साधना करो।
 Pujya asharam ji bapu

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