Sunday 5 February 2012

195_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

राग के कारण जीव जन्म मरण के चक्कर में पड़ता है, राग के कारण जीव पापाचर करता है, राग के कारण जीव नाना प्रकार की योनियों में भटकता है।
रागरहित हुए बिना भोग योग में नहीं बदलता, स्वार्थ सेवा में नहीं बदलता।
राग मिटाने के लिए जगत की नश्वरता का विचार करके, शरीर की क्षणभंगुरता का विचार करके चित्त में वैराग्य को उपजाना चाहिए।
Pujya asharam ji bapu 

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