Tuesday 29 May 2012

571_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

आदमी में चतुराई तो है लेकिन वह चतुराई से ठगी करके ऐश-आराम पाना चाहता है, सुखी होना चाहता है और सुख के बदले में दुःख-दर्द पैदा कर लेता है। सच्ची चतुराई तो यह है कि वह प्राप्ति में टिक जाय, अन्दर के आत्मरस में टिक जाय।

Pujya Asharam Ji Bapu

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