Monday 11 July 2016

1445_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



~~~~ गुरु तो गुरु होते है  ~~~~

गुरू जीवित है तब भी गुरू, गुरू होते हैं और गुरू का शरीर नहीं होता तब भी गुरू गुरू ही होते हैं।
गुरू नजदीक होते हैं तब भी गुरू गुरू ही होते हैं और गुरू का शरीर दूर होता है तब भी गुरू दूर नहीं होते।
गुरू प्रेम करते हैं, डाँटते हैं, प्रसाद देते हैं, तब भी गुरू ही होते हैं और गुरू रोष भरी नजरों से देखते हैं, ताड़ते हैं तब भी गुरू ही होते हैं। 


  -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...